आज का विचारजिदंगी की सार्थकता खुद के लिये जीने में नहीं वरन सामाजिक मूल्यों की रक्षा व पीड़ितों के आंसूओं को पोछने में है। मन, वचन, काया में एक रुपता व विचारों में शुद्धता ही सफलता का मूल मंत्र है। सोच दिशा तय करती है और दिशा हमारी दशा तय करती है। इसलिये सार्थक सोच रखें परिणाम भी सार्थक मिलेंगे।

Friday 5 April 2013

बहुत कम लोग अपनी शक्ति व क्षमता समझ पातें हैं। जो समझ जाते है उनमें से बहुत कम अपने अहं पर काबू रख पाते। जो अहं पर नियंत्रण कर लेते हैं वो अंततः विजय मार्ग को प्राप्त करते हैं। 
श्रद्धेय स्वामी श्री सच्चिदानंद जी पुरोहित

4 comments:

  1. स्वामी जी बात तो सही है पर इससे उबरने का कोई उपाय॰॰

    ReplyDelete
  2. अपने पर विश्वास रखो और अपने पथ के प्रति समर्पण, सफलता निश्चित मिलेगी।

    ReplyDelete
  3. kindly mail the indrakshi yantram ,paath at sonisonsgarments@gmail.com

    ReplyDelete
  4. Kindly mail the indrakshi yantram path at nitinaaksh@rocketmail.com

    ReplyDelete