आज का विचारजिदंगी की सार्थकता खुद के लिये जीने में नहीं वरन सामाजिक मूल्यों की रक्षा व पीड़ितों के आंसूओं को पोछने में है। मन, वचन, काया में एक रुपता व विचारों में शुद्धता ही सफलता का मूल मंत्र है। सोच दिशा तय करती है और दिशा हमारी दशा तय करती है। इसलिये सार्थक सोच रखें परिणाम भी सार्थक मिलेंगे।

Wednesday 17 July 2013

जीवन की धूप छांव का मजा लेना सीखो..

मुश्किलें तो तब पैदा होती हैं जब हम हार मान बैठते हैं और हताशा के भंवर में डूबने उतरने लगते हैं। मेरी बात मानो तो जीवन की धूप छांव का मजा लेना सीखो, फिर देखना जीवन आनन्द सरोवर नजर आने लगेगा.
सच्चिदानंद पुरोहित

1 comment:

  1. Jai Shri Krihna Pandit ji,

    Kripya App mujhe Maa Indirakshi Devi ka paath meri email id :singhshruti1605@gmail.com per mail kar dijiye

    Shruti

    ReplyDelete