आज का विचार
जिदंगी की सार्थकता खुद के लिये जीने में नहीं वरन सामाजिक मूल्यों की रक्षा व पीड़ितों के आंसूओं को पोछने में है।
मन, वचन, काया में एक रुपता व विचारों में शुद्धता ही सफलता का मूल मंत्र है।
सोच दिशा तय करती है और दिशा हमारी दशा तय करती है। इसलिये सार्थक सोच रखें परिणाम भी सार्थक मिलेंगे।
Saturday, 2 August 2014
मन की शुद्धता व वचन की मधुरता सदा अनंत उंचाईयों की ओर ले जाती है॰॰॰ सच्चीदानंद पुरोहित
मन की शुद्धता व वचन की मधुरता सदा अनंत उंचाईयों की ओर ले जाती है॰॰॰
सच्चीदानंद पुरोहित
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