आज का विचार
जिदंगी की सार्थकता खुद के लिये जीने में नहीं वरन सामाजिक मूल्यों की रक्षा व पीड़ितों के आंसूओं को पोछने में है।
मन, वचन, काया में एक रुपता व विचारों में शुद्धता ही सफलता का मूल मंत्र है।
सोच दिशा तय करती है और दिशा हमारी दशा तय करती है। इसलिये सार्थक सोच रखें परिणाम भी सार्थक मिलेंगे।
Wednesday, 3 July 2013
जिंदगी को इतना भी कठिन ना बना लेना की वह बोझिल हो जाये॰॰ सच्चिदानंद पुरोहित
जिंदगी को इतना भी कठिन ना बना लेना की वह बोझिल हो जाये॰॰ सच्चिदानंद पुरोहित
1 comment:
Unknown
27 August 2013 at 10:22
thanks for ur suggestions guruji
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thanks for ur suggestions guruji
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